हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है, हाथ में कलम है दिल में जलन है, सोचता हूँ जो मैं भरम ही भरम है,
माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासिनि। माँ त माँ सरस्वती हँसवाहिनी माँ तू श्वेत वस्त्र धारीणी। माँ तू कमल पुष्प पदमासि...
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार। कविता कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गई यार, भगवान आप सभी को दे अमन-चैन और प्यार।
घर में घर में
मध्यांतर में मध्यांतर में